Visitors have accessed this post 1542 times.

सिकन्द्राराऊ : नगर के वरिष्ठ कवि स्वर्गीय कुंवर पाल शर्मा कुंवर की स्मृति में एक काव्य गोष्ठी कुंवर विमल साहित्य संस्था के तत्वावधान में विमल बाजार में वरिष्ठ कवि देवेन्द्र दीक्षित शूल की अध्यक्षता में तथा कवि प्रमोद विषधर के संचालन में संपन्न हुई। गोष्ठी का शुभारंभ अध्यक्ष श्री शूल, श्री पौरुष ,श्री ओम प्रकाश सिंह व स्वर्गीय कुंवर के पुत्र प्रमोद विषधर द्वारा मां सरस्वती व स्वर्गीय कुंवर के छाया चित्रों पर माल्यार्पण कर किया । कवि विवेक शील राघव की सरस्वती वंदना के बाद प्रमोद विषधर ने अपने पिता की याद में पढ़ा- छोड़कर ऐसे गए हो जैसे कुछ नांता नहीं। देख लूं जी भर तुम्हें मैं स्वप्न यह आता नहीं । वहीं विवेक शील राघव ने पढ़ा – हवा बिगड़ कर भी क्या करेगी ,यह आ गई यूं ही जला करेगी। नहीं रुकेगा सफर हमारा ,यह सांस जब तक चला करेगी। वरिष्ठ कवि बलवीर सिंह पौरुष ने चिंतन मनन की बात कही -आओ चिंतन मनन करें हम ।जिम्मेदारी वाहन करें हम। सोया देश हमारा जागे ऐसी कविता स्रजन करें हम । देवेन्द्र दीक्षित शूल ने शूलको स्थाई बताते हुए पढ़ा- कल थीकली वोआज फूल है। फूल भी गिरकर धूल बनेगा। किंतु शूल था और शूल है और हमेशा शूल रहेगा । वही कवयित्री श्रीमती संतोष पौरुष कवि सत्येंद्र भारद्वाज , अतुल चौहान ,अवनीश यादव शायर शमशुल अहद शम्स,जमीरउद्दीन खान आदि ने भी काव्य पाठ किया। उक्त कार्यक्रम में श्रीराजेंद्र शर्मा श्री रवेन्द्र यादव ,श्रीमती साधना शर्मा ,वैष्णव ,श्रेयस इक्षित आदि ने कवियों व कवयित्री का सम्मान किया|

INPUT : Ravindra yadav

यह भी देखे : हाथरस के इस मॉल में मिलता है घर का सारा सामान भारी छूट पर

अपने क्षेत्र की खबरों के लिए डाउनलोड करें TV30 INDIA एप

https://play.google.com/store/apps/details?id=com.tv30ind1.webviewapp