Visitors have accessed this post 1313 times.

कुछ वक्त की तरह थम से गये हम,

कुछ रेत के जैसे बिखर गए हम,
कुछ बंदिशे है अभी ज़िन्दगी में,
कल खुले आसमान में उड़ना है हमे,
अभी तलाश रही हूँ ,
एक खुला आसमान,
ज़िन्दगी के रैनबसेरे में अभी कुछ पल रुक जाऊं,
तलाश है अभी खुद के बसेरे की,
कुछ रंग अभी फीके से है,
किस्मत के पिंजरे में कैद पंक्षी हूँ,
अभी तलाश बाकी है,
कही धूप है कही छाँव आती है,
ज़िन्दगी में कभी गम कभी ढेर सारी खुशियाँ
आ जाती है शायद वक़्त इम्तहान ले रहा मेरा,
तारे कुछ गर्दिश में है अभी,
अभी इरादे भी कमजोर से लगते हैं,
कभी तो हौसला मिलेगा,
बस यही दिल की हसरत है
एक दिन ये अंधेरा भी कम होगा,
एक नया सवेरा भी होगा,
अक्सर हराने वाले हार जाते हैं खुद से ही,
और हम अक्सर हार के भी जीत जाते हैं,

“उपासना पाण्डेय”आकांक्षा

यह भी पढ़े : मनुष्य के पाप कर्मों द्वारा मिलने वाली सजाएं

अपने क्षेत्र की खबरों के लिए डाउनलोड करें TV30 INDIA एप

https://play.google.com/store/apps/details?id=com.tv30ind1.webviewapp