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प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का नया सत्र दिसंबर में ही शुरू हो पाएगा। नवंबर माह में प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी होना मुश्किल है। अभी तक स्नातक पाठ्यक्रमों का प्रवेश लटका हुआ है।
विश्वविद्यालय के सभी परीक्षा परिणाम 31 अक्तूबर तक जारी होने थे। नवंबर माह से कक्षाएं संचालित की जानी थी। विश्वविद्यालय प्रशासन प्रायोगिक परीक्षाएं समय पर नहीं करा पाया। कॉलेजों की ओर से प्रायोगिक परीक्षा के अंक नियमानुसान न उपलब्ध कराने से स्नातक पाठ्यक्रमों के परिणाम रुके हुए हैं।
परिणाम जारी न होने की वजह से ही परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की तारीख बार-बार बढ़ानी पड़ रही है। परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तारीख 20 अक्तूबर थी। इसे बढ़ाकर 31 अक्तूबर और उसके बाद 15 नवंबर किया गया। अब तिथि 25 नवंबर कर दी गई है। यदि इस अवधि से पहले सारे परिणाम जारी हो जाते हैं और वेब रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं तो भी कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने में समय लगेगा।मुख्य परीक्षा में विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएससी व अन्य पाठ्यक्रमों के 50 फीसदी कॉलेजों ने अभी तक प्रायोगिक परीक्षा के अंक नहीं दिए हैं। इससे संबंधित कॉलेजों के विद्यार्थियों का परिणाम रुका हुआ है। 14 अक्तूबर तक अंक भेजने थे। एक माह से अधिक समय हो गया। परिणाम लटकाने और नया सत्र में देरी होने के जिम्मेदारी कॉलेजों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

INPUT – Buero report