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सिकंदराराऊ : अखिल भारतीय पंचायत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक जादौन ग्राम प्रधानों की समस्याओं को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिले और उन्हें विभिन्न समस्याओं से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि अखिल भारतीय प्पंचायत परिषद लोकहित में मांग करती है कि जनता द्वारा निर्वाचित प्रधानों को अकारण भ्रष्ट समझकर संदेह करने व परेशान एवं हतोत्साहित करने के लिए मनरेगा योजना में कार्यस्थल पर ही एन एम एम एस ऐप के माध्यम से दिन में दो बार उपस्थिति प्रमाणित करना अनिवार्य किया गया है, जबकि अधिकांश ग्रामों में नेटवर्क की समस्या के कारण एन एम एम एस के माध्यम से मजदूरों की उपस्थिति अंकित नहीं हो पा रही है तथा मस्टररोल शून्य हो जा रहा है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी 23 दिसम्बर 2022 के उक्त आदेश को वापस लिया जाए। 213 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी पर मजदूर काम करने को तैयार नहीं है। अतः इसे बढ़ाकर कम से कम 400 रुपये प्रतिदिन किया जाय। राज्य वित्त आयोग व प्रशासनिक सुधार आयोग की समस्त प्रमुख सिफारिशों को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाए । प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों की सुरक्षा हेतु शस्त्र लाइसेंस जारी करने में प्राथमिकता दी जाय। सहायक सचिव कम डाटा एंट्री ऑपरेटर, शौचालय केयरटेकर एवं प्रधान के मानदेय की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा अलग से करने का वादा माननीय मुख्यमंत्री महोदय उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था, जिस पर तत्काल अमल किया जाय। मुख्यमंत्री द्वारा वायदा किया गया कि दो माह में ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में पंचायत दिवस का आयोजन किया जाएगा l किंतु अमल नहीं हुआ । अखिल भारतीय पंचायत परिषद को आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि पंचायतों को स्वावलंबी एवं सशक्त बनाने में आप द्वारा अखिल भारतीय प्पंचायत परिषद की उपरोक्त मांगों पर प्रभावी कार्यवाही करने की जायेगी ।

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