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पिछले 5 महीने से जूता हाट भी नहीं लग पा रही है. 3 लाख लोगों की रोजी रोटी का सवाल है ? कोरोना के चलते कभी प्रशासन हां और कभी प्रशासन ना में मामला उलझा हुआ है.आगरा में जूता कारखाने चक्की पाट पर सप्ताह में दो दिन लगने वाली हाट के बंद होने के चलते शुरू नहीं हो पा रहे हैं। हाट से जुड़े लोगों ने शुक्रवार से हाट लगाने की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते उन्हेंं अपने कदम पीछे खींचने पड़े।
आगरा में जूता निर्माण का काम बड़े पैमाने पर होता है। घरेलू बाजार की 65 फीसद तक मांग आगरा के जूता कारखाना संचालक पूरी करते हैं। करीब सात हजार जूता कारखाने यहां हैं, जिनसे तीन लाख लोगों की रोजी-रोटी चलती है। 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के दिन से अधिकांश कारखाने अभी भी बंद पड़े हैं। इसकी वजह चक्कीपाट पर सोमवार व शुक्रवार सुबह लगने वाली हाट का बंद रहना है।
इस हाट से कारखाना संचालक जरूरत के अनुसार जूता निर्माण को सस्ता सामान खरीदा करते थे, जो उन्हेंं बंदी की स्थिति में नहीं मिल पा रहा है। इसे खुलवाने की मांग जूता दस्तकार फेडरेशन के पदाधिकारी निरंतर जिला प्रशासन से रहे थे। मौखिक आश्वासन पर उन्होंने सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को हाट लगाने का निर्णय लिया था। प्रशासन की अनुमति नहीं होने के बावजूद वो शुक्रवार से हाट लगाने के दावे कर रहे थे। प्रशासन की सख्ती के बाद गुरुवार शाम उन्हेंं अपने फैसले से पीछे हटना पड़ गया। शुक्रवार को चक्की पाट में हाट नहीं लगेगी।
हम शुक्रवार से हाट लगाने को तैयार थे, लेकिन प्रशासन ने अनुमति देने से इन्कार कर दिया। अगले शुक्रवार को तैयारियों के साथ हाट लगाने की बात कही गई है। भरत सिंह पिप्पल, अध्यक्ष जूता दस्तकार फेडरेशन.
प्रभाकांत अवस्थी, एडीएम सिटी ने चक्की पाट में अभी हाट लगाने नहीं दी जाएगी। शहर में कोरोना संक्रमितों के मामले निरंतर सामने आ रहे हैं। पहली प्राथमिकता लोगों का स्वास्थ्य है।
INPUT – Mahipal singh