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सासनी : स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहें या कोविड वैक्सीन लगाने हेतु पर्चा बनाने वाले को अनपढ ? यह सवाल तब उठा जब एक युवक कोविड वैक्सीन लगवाने जिला अस्पताल पहुंचा। उसे वैक्सीन लगवाने के लिए घंटों इंतजार करने के बाद पर्चा बना और फिर वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीन कार्ड लेकर घर आया और जब कार्ड को गौर से पढा तो वह हतप्रभ रह गया। उसे पहली वैक्सीन 2021 में नहीं 2016 में लगाई गई। वह भी नवें महीने में। युवक के दिमाग पर इसका ऐसा प्रभाव पढा कि उसे बुखार आ गया। हालांकि इस बात से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
युवक प्रशांत कुमार दीक्षित निवासी मोहल्ला दाऊजी सोमवार को जिला अस्पताल हाथरस कोविड वैक्सीन का टीका लगवाने पहुंचा जहां उसे घंटों लाईन में लगकर पर्चा बनवाने के लिए इंतजार करना पडा। पर्चा बनाने वाले ने पहली वैक्सीन लगाने की तारीख 07 सितंबर वर्ष 2016 लिख दी। यह लापरवाही आॅन लाईन करने वाले फार्मासिस्ट ने भी नहीं देखी और रजिस्ट्रेशन कर कोविड वैक्सीन का टीका लगा दिया गया। युवक वैक्सीन टीकाकरण के बाद जब घर आया तो उसने अगली वैक्सीन लगने का समय अपने पर्चे में देखा तो वह मानसिक रूप से परेशान हो गया कि उसे बुखार आ गया। जिसका उपचार निजी चिकित्सक से कराया जा रहा है।
वहीं एमओआईसी सीएचसी सासनी डा. एसपी सिंह ने बताया कि कोविड लगवाने वालों की लंबी कतार लगी होने के कारण हो सकता है कि तारीख गलत पड गई हो। चूंकि काम का लोड अधिक होने के कारण हाथ से लिखने में गलती हो सकती है। जिनका टीकाकरण हुआ है उन्हें बुलाया गया है, उनके कार्ड पर गलत लिखी गई तारीख को ठीक करा दिया जाएगा। साथ ही गलती करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इनपुट : आविद हुसैन

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