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हाथरस : अफगानिस्तान पर तालिबान के शासन से हाथरस के हींग कारोबार पर सीधा असर पड़ा है।
एसाफोइटिडा (हींग का दूध) की आपूर्ति अभी रुक गई है। चार दिन से वहां से हींग के दूध की
आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे हाथरस का हींग कारोबार पूरी तरह प्रभावित हुआ है। वहां के हींग
कारोबारियों से यहां के कारोबारी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
अफगानिस्‍तान से 70 करोड़ का कारोबार
हाथरस में हींग का हर वर्ष 70 करोड़ का कारोबार है। अफगानिस्तान से हींग का दूध दिल्ली और
मुंबई के व्यापारियों के माध्यम से हाथरस आता है। यहां के उद्यमी रोजाना तीन से चार कुंतल
कच्चा माल मंगाते हैं। हींग का दूध कजाकिस्तान, उजवेकिस्तान और अफगानिस्तान से आता है।
अफगानिस्तान से हींग के दूध की काबुली और मजारे बैराइटी इंपोर्ट की जाती हैं। अफगानी हींग का
दूध ड्यूटी फ्री है, जबकि कजाकिस्तान, उजवेकिस्तान से आने वाला हींग के दूध पर 27 प्रतिशत इंपोर्ट
ड्यूटी लगाई जाती है। इस कारण अफगानिस्तान से आने वाला हींग का दूध सस्ता पड़ता है। अब
तालिबान सरकार आने से नई सरकार की पालिसी क्या रहती है? इसको लेकर कारोबारियों में
असमंजस है।

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