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सिकन्दराराऊ : विमल साहित्य संवर्धक संस्था के तत्वावधान में एक होली मिलन कवि सम्मेलन का आयोजन पुराने डाकघर के पास स्थित अग्रसेन स्कूल के प्रांगण में किया गया। जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त अध्यापक डॉ. शरीफ अली ने की और संचालन अवशेष कुमार विमल ने किया। कवि सम्मेलन में
मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी हरपाल सिंह यादव और विशिष्टि अतिथि के रूप में अखिल भारतीय वित्तविहीन विद्यालय संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता त्रिभुवन नारायण शर्मा उपस्थित रहे। मंच से सभी कवियों और अतिथियों का भव्य स्वागत सम्मान किया गया।कवयित्री गीता गीत की सरस्वती वंदना से प्रारम्भ हुए इस कवि सम्मेलन में विभिन्न रसों के कवियों ने अपने अपने रसों की वर्षा करके श्रोताओं का खूब दिल जीता।
युवा कवि शिवम कुमार ‘आज़ाद’ ने इस अवसर पर सुनाया –
कब से हाथों में रंगों को लिए हैं हम;
अबके उसके गालों पर मल देना है ।।
महेश यादव संघर्षी ने सुनाया –
हुरियारे सब हुरियारी सबकी होली है प्यारी
कोई हाथ लिए पिचकारी कोई गुलाल कोई रोली है
कवयित्री गीता गीत ने पढ़ा –
मिटाकर नफरतें दिल से लुटाओ प्यार होली में।
किसी से प्यार गर तुमको करो इज़हार होली में।।
संजीव सरगम ने पढ़ा – वीर भगत सिंह पैदा होंगे फिर से भारत की माटी में।
हास्य कवि पंकज पण्डा ने यह सुनकर खूब हँसाया – कपड़े भी धोता हूँ मैं वर्तन भी माँजता हूँ, कविता ही करूँ तो लुगाई मार डालेगी।
कवि अवनीश यादव ने पढ़ा –
अरे, गुस्सा करना बहुत बुरी बात है
गुस्सा ही तो पतन की शुरुआत है
राजकिशोर राज ने पढ़ा –
होली में सब झूमते, पीकर दारू भंग।
भाभी चाची सालियाँ, करती सबको तंग।।
हास्यकवि देवेंद्र दीक्षित शूल ने अपने क्रम पर श्रोताओं को खूब हँसाया, उनकी नकल वाली रचना को सबने सराहा।
संचालक अवशेष विमल ने मोटी साली की हास्य कविता पढ़कर खूब हँसाया – मोटी साली एक दिन, आयी करने सैर। राह चला जाता नहीं, फिसल गया है पैर।
इस अवसर पर नीरज अग्रवाल, सौरव पुंढीर, कन्हैया पलतानी, अजय पाठक, विकास कुमार, अवनीश शर्मा, मनोज राजौरिया, रवेंद्र पाल राजौरिया, जय किशोर, मुकेश कुमार आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। आयोजक व संयोजक पंकज पण्डा ने अंत में सबका आभार व्यक्त किया।

vinay

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