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TV30 INDIA (रिपोर्ट-विशाल शर्मा ): पार्टी, शादी से लेकर आउटिंग पर जाने तक एक ऐसा चीज जो हमेशा हमारे साथ होता है जब भी हम लोग कहीं बाहर जाते हैं। वह है परफ्यूम। जी हां परफ्यूम हमेशा हमारे हैंडबैग में होता है ताकि हम फ्रेश फिल करें। लेकिन क्या आपको पता है यह हमारे स्किन से लेकर बॉडी के लिए काफी खतरनाक है। लेकिन आपने ध्यान दिया होगा कि कई बार परफ्यूम लगाने के बाद हमारे सर में दर्द, स्किन में एलर्जी की समस्या उत्पन्न होती है

पसीना कम करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले खुशबूदार उत्पादों से पसीने की स्वाभाविक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाती हैं जिससे शरीर में आर्सेनिक, कैडमियम, लीड और मरकरी जैसे तत्व इकट्ठा हो सकते हैं। जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक होते हैं। आप पसीने से बचने के लिए घरेलू उपाय भी कर सकते हैं।

एलर्जी होने का डर

एक शोध के अनुसार परफ्यूम व डियोड्रेंट आपके पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित करते हैं और शरीर की टॉक्सिफिकेशन की प्राकृतिक प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचाते हैं। ये आपके पसीने की बदबू को तो रोक देते हैं साथ ही त्वचा को हानि पहुचाते हैं। इससे आपको एलर्जी की शिकायत हो सकती है।

ड्राई स्किन
सिलिका अथवा ‘सिलिकॉन डाईऑक्साइड’ (Silica, SiO2) ऑक्सीजन और सिलिकन से योग से बना होता है। इसका इस्तेमाल बालू में उपस्थित छोटे-छोटे कांच के कण काँच, सिरेमिक सामानों के निर्माण और तापरोधी ईंटें बनाने में किया जाता है।

अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि ये केमिकल त्वचा में जलन पैदा का कारण भी बन सकती है जिससे स्किन एलर्जी की समस्या होती है। सिलिका के अलावा इसमें मौजूद टेल्क रसायन शरीर में कैंसर का कारण बनता है। इंटरनेशनल एकेडमी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक अगर इसमें एस्बेस्टिफॉर्म फाइबर हैं तो ये कैंसर का कारण बन सकता है।

गर्भावस्था मे खतरनाक
एक शोध के अनुसार गर्भावस्था मे परफ्यूम के इस्तेमाल से बचना चाहिए। तेज खूशबू वाले परफ्यूम से होने वाले बच्चे के हार्मोंस में गड़बडी हो सकती है और उसे नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए डाक्टर भी गर्भावस्था के दौरान परफ्यूम इस्तेमाल ना करने की सलाह देते हैं।

संवेदनशील त्वचा के लिए हानिकारक
तेज खूशबू वाले परफ्यूम संवेदनशील त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। अगर त्वचा में किसी तरह का रिएक्शन हो जाता है तो प्रभावित स्थान को ठंडे पानी से धोएं और फौरन किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलें। ट्राइक्लोसन केमिकल का इस्तेमाल परफ्यूम या डियोडरेंट्स को बैक्टीरिया रोधी यानी एंटीबैक्टीरियल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इस केमिकल का इस्तेमाल कई एंटीबैक्टीरियल साबुनों में भी किया जाता है। लेकिन ये केमिकल शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरियाओं को भी नष्ट कर देता है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट ने इसे पेस्टीसाइड बताया है। इसके कारण त्वचा संबंधिक तई तरह की बीमारियां होती हैं। अब तो हाल ही में किए गए शोध में तो इस बात की भी पुष्टि कर दी गई है कि ये रसायन गर्भ में पल रहे शिशुओं और नवजातों के शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

कई बीमारियों को न्यौता
परफ्यूम कई तरह की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। प्रॉपिलीन गलायसोल एक एकलर्जिक रसायन है जो शरीर में एलर्जिक रिएक्शन पैदा करता है। ये एक तरह का न्यूरोटॉक्सिक रसायन है जो किडनी को डैमेज करने का कारण बनता है।

स्टीरेथ एन सब्जियों से मिलने वाला केमिकल है। लेकिन ये रसायन तब तक ही हानिकारक नहीं होता जब तक की ये सब्जियों में रहता है। सब्जियों के बजाय इसे परफ्यूम, क्रीम या अन्य उत्पादों में मिलाने पर स्वास्थ्य के लिए घातक बन जाता है। कई बार इसकी मात्रा अधिक होने पर कैंसर का कारण भी बन जाती है।

माइग्रेन और हेडेक के लिए हानिकारक है परफ्यूम

कई बार हार्ड परफ्यूम की वजह से आपको माइग्रेन और हेडेक सी होने लगती है। जिसकी वजह से आपको कई तरह की प्रॉब्लम को फेस करना पड़ता है।

स्किन कैंसर

हार्ड परफ्यूम की वजह से आपको स्किन कैंसर भी भुगतना पड़ सकता है। कई बार ऐसा होता है कि आप परफ्यूम को डायरेक्ट स्प्रे करते हैं जिसकी वजह से इसके कई तरह के साइड इफेक्ट होते हैं और लगातार ऐसा करने से आपको स्किन कैंसर की दिक्कतें हो सकती है।

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